पाठ्यक्रम
क्रमांक |
पाठ्यक्रम का नाम |
पात्रता की शर्त |
प्रवेश की विधा |
पाठ्यक्रम की कालावधि |
विषय |
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1. |
पी यू सी 1 (बौद्ध दर्शन)
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8वीं उत्तीर्ण |
प्रवेश के लिए अभिवृत्ति परीक्षा/चयन गुणवत्ता के आधार पर |
कुल सीटें 37 |
4 वर्ष |
1. भारतीय बौद्ध दर्शन 2. तिब्बती बौद्ध दर्शन 3. संस्कृत भाषा 4. तिब्बती भाषा 5. अँग्रेजी/हिंदी, 6. वैकल्पिक विषय |
2. |
पी यू सी 3 (तिब्बती ज्योतिष)
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8वीं उत्तीर्ण |
प्रवेश परीक्षा |
कुल सीटें 7 |
4 वर्ष |
1. वैद्यक तथा ज्योतिष का इतिहास 2. तिब्बती वैद्यक 3. भारतीय बौद्ध दर्शन 4. संस्कृत भाषा 5. तिब्बती भाषा 6. अँग्रेजी/हिंदी |
3. |
पी यू सी (तिब्बती शिल्प-विद्या) |
10वीं उत्तीर्ण |
प्रवेश परीक्षा |
कुल सीटें 14 |
2 वर्ष |
1.चित्र-कला तथा काष्ठ-कला
2. कला का इतिहास तथा 3. बौद्ध दर्शन 4. तिब्बती साहित्य 5. अँग्रेजी/हिंदी भाषा |
4. |
पी यू सी (तिब्बती वैद्यक) |
8वीं उत्तीर्ण |
प्रवेश परीक्षा |
कुल सीटें 7 |
4 वर्ष |
1. तिब्बती वैद्यक तथा ज्योतिष का इतिहास 2. मूलभूत तिब्बती वैद्यक 3. भारतीय बौद्धदर्शन 4. संस्कृत भाषा 5. तिब्बती भाषा 6. अँग्रेजी/हिंदी |
5. |
स्नातक पूर्व (बौद्धदर्शन) शास्त्री |
उ.म. द्वितीय वर्ष (कें.उ. ति. शि. सं. से) |
उ.म. 2 उत्तीर्ण होने के बाद सीधा प्रवेश |
उ.म. 2 उत्तीर्ण उम्मीदवार |
3 वर्ष |
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6. |
स्नातक पूर्व (तिब्बती ज्योतिष शास्त्री) |
ज्योतिष उ.म. 2 (कें.उ. ति. शि. सं.)
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उ.म. 2 उत्तीर्ण होने के बाद सीधा प्रवेश/ ज्यो. उ.म. 2 उत्तीर्ण उम्मीदवार |
3वर्ष |
3 वर्ष |
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7. |
स्नातक पूर्व (शिल्प-विद्या) शास्त्री |
शि.वि.उ.म.2 उत्तीर्ण (कें.उ. ति. शि. सं. से) |
शि.वि. उ.म. 2 उत्तीर्ण होने के बाद सीधा प्रवेश |
शि.वि. उ.म. 2 उत्तीर्ण उम्मीदवार |
3 वर्ष |
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8. |
स्नातकपूर्व/ (बी.टी.एम्.एंस्.) |
भोट चिकित्सा |
प्रवेश परीक्षा के बाद |
बी.टी.एम्.एस्. प्रवेश |
41/2 वर्ष |
भोट शरीर रचना शास्त्र |
9. |
पीएच.डी. विद्यावारिधि |
एम.फिल. उत्तीर्ण (कें.उ. ति. शि. सं. से) |
सीधा प्रवेश |
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3 वर्ष |
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- पी यू सी : पूर्व मध्यमा (2 वर्ष शिक्षण-क्रम) तथा उत्तर मध्यमा (2 वर्ष शिक्षण-क्रम)
- वैकल्पिक विषय
- राजनीति विज्ञान
- अर्थ शास्त्र
- एशियाई इतिहास
- तिब्बती इतिहास
- संस्कृत-ख वर्ग
- पालि भाषा
ऊपर दिये हुये विषयों में से कोई एक विषय छात्र को चयन करना होगा ।
- स्नातक : शास्त्री (3 वर्ष शिक्षण-क्रम)
- स्नातकोत्तर : आचार्य (2 वर्ष शिक्षण-क्रम)